अरुणाचल प्रदेश जदयू के सात में से छह विधायक भाजपा में शामिल
गुड मॉर्निंग डेस्क । बिहार में साथ-साथ और अरुणाचल में धोखाधड़ी। कुछ-कुछ ऐसा ही रिश्ता रह गया है भाजपा और जदयू का। बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार है लेकिन भाजपा ने अरुणाचल में जदयू के घर में बड़ी सेंधमारी कर दी है।
पंचायत और नगर निगम चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले जदयू के अरुणाचल प्रदेश के सात में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये हैं। इस सेंधमारी से जदयू को इतना बड़ा घाव लगा है कि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से शुक्रवार को पटना में जब इस बारे में पूछा गया तो उनसे कुछ बोलते नहीं बना। पटना में निर्माणाधीन लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण करने पहुंचे नीतीश केवल इतना बोल पाये कि सब गलत है। उनकी अभी मीटिंग है।
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के जदयू में काफी दिनों से अनबन चल रही थी। मई 2019 में अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 54 सीटों में से जदयू ने सात जीती थी। इन सातों में से दो विधायकों सियनग्जू खर्मा और टाकू को जदयू ने 26 नवंबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके बाद पार्टी में और विवाद बढ़ गया था।
जदयू के शेष छह विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बिना बताए तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था। इन्हीं सब विवादों के बाद शुक्रवार को इनमें से रमगोंग विधानसभा क्षेत्र के तालीम तबोह, चायांग्ताजो के हेयेंग मंग्फी, ताली के जिकके ताको, कलाक्तंग के दोरजी वांग्दी खर्मा, बोमडिला के डोंगरू सियनग्जू और मारियांग-गेकु निर्वाचन क्षेत्र के कांगगोंग टाकू भाजपा में शामिल हो गए । इनके अलावा पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के एकमात्र विधायक लिकाबाली निर्वाचन क्षेत्र के करदो निग्योर भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।
इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों की कुल संख्या 40 हो गयी है। अरुणाचल में मई 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज चार सीटें मिली थीं।